Sunday, December 28, 2008

वक़्त करता कुछ दगा या

वक़्त करता कुछ दगा या, तुम दगा करते कभी
साथ चलते और तो, हम भी बिछड़ जाते कभी

आजकल रिश्तों में क्या है, लेने-देने के सिवा
खाली हाथों को यहाँ, दो हाथ न मिलते कभी

थक गये थे तुम जहाँ, वो आख़िरी था इम्तिहाँ
दो कदम मंज़िल थी तेरी, काश तुम चलते कभी

कुरबतें ज़ंज़ीर सी, लगती उसे अब प्यार में
चाहतें रहती जवाँ, गर हिज्र में जलते कभी

कल सिसक के हिन्दी बोली, ए मेरे बेटे कहो
क्यूँ शरम आती है तुमको, जो मुझे लिखते कभी

आजकल मिट्टी वतन की, रोज कहती है मुझे
लौट आओ ए परिंदों, शाम के ढलते कभी

11 comments:

  1. आजकल मिट्टी वतन की, रोज कहती है मुझे
    लौट आओ ए परिंदों, शाम के ढलते कभी

    बहुत ही खूबसूरत....
    और आपकी छोटी बहन वाली पोस्ट ने तो आँखें नम कर दीं ||

    ReplyDelete
  2. Wonderful
    कलम से जोड्कर भाव अपने
    ये कौनसा समंदर बनाया है
    बूंद-बूंद की अभिव्यक्ति ने
    सुंदर रचना संसार बनाया है
    भावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
    लिखते रहि‌ए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
    कविता,गज़ल और शेर के लि‌ए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
    मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
    www.zindagilive08.blogspot.com
    आर्ट के लि‌ए देखें
    www.chitrasansar.blogspot.com

    ReplyDelete
  3. बहुत अच्छे..............आप तो लाज़वाब हैं............सच..........!!

    ReplyDelete
  4. भाई आपका ब्लॉग जगत में स्वागत है।

    ReplyDelete
  5. ****FANTASTIC



    PLEASE VISIT MY BLOG...........
    "HEY PRABHU YEH TERAPANTH "

    ReplyDelete
  6. बेहतरीन अभिव्‍यक्ति। जारी रखिए ये यात्रा।

    ReplyDelete
  7. बहुत खूब बहुत ही अच्छा लिखा है.......
    वक्त करता कुछ दगा क्या बात है.....

    अक्षय-मन

    ReplyDelete
  8. थक गये थे तुम जहाँ, वो आख़िरी था इम्तिहाँ
    दो कदम मंज़िल थी तेरी, काश तुम चलते कभी
    अच्छी लगी कविता आपकी. स्वागत ब्लॉग परिवार और मेरे ब्लॉग पर भी.

    ReplyDelete
  9. नव वर्ष मंगल मय हो
    आपका सहित्य सृजन खूब पल्लिवित हो
    प्रदीप मानोरिया
    09425132060

    ReplyDelete
  10. बहुत सुंदर...आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है.....आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे .....हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

    ReplyDelete